Mohalla Assi Movie Review: राजनीति, धर्म और आस्था पर आधारित है सनी देओल की ‘मोहल्ला अस्सी’ कुल मिलाकर ‘मोहल्ला अस्सी’ उन दर्शकों के लिए है जो वाकई हटकर फिल्में देखना पसंद करते हैं।
अगर आप भारतीय राजनीति, धर्म, संस्कृति और आस्था के मर्म को समझते हैं और आपकी जानकारी इन सभी विषयों पर है तो ‘मोहल्ला अस्सी’ आपको जरूर पसंद आएगी। अगर आप एक मनोरंजक सिनेमा की तलाश में हैं, ऐसी फिल्मों को देखने के आदी हैं जिस पर बिल्कुल सोचना ना पड़े तो शायद आप ‘मोहल्ला अस्सी’ बिल्कुल ही पसंद ना करें!
Star Cast:
- सन्नी देओल
- रविकिशन
- साक्षी तनवर
- सौरभ शुक्ला
- मुकेश तिवारी
Mohalla Assi Movie Review and Rating: ‘मोहल्ला अस्सी’ में साक्षी तंवर, रवि किशन, फैजल रशीद ने अपने करिदारों के साथ न्याय किया है। सनी देओल ने भी शानदार अभिनय किया है।
कहा जाता है कि बनारस में जो सुकून है वह पेरिस और फ्रांस में भी नहीं। धर्म और आस्था के नाम पर धोखा देने वालों को करारा जवाब देती है मोहल्ला अस्सी। फिल्म में सनी देओल ने एक संस्कृत के टीचर का रोल अदा किया है। इसके अलावा वह घाट पर तीर्थ यात्रियों के लिए भी काम करते हैं। सनी के किरदार का नाम है धर्मनाथ पांडे। धर्मनाथ अपने सिद्धांतों और नियमों को लेकर काफी सख्त है। धर्मनाथ ने अपने घर को मोहल्ले के वैश्वीकरण के बाजारवाद से दूर रखा है।
बनारस में कई विदेशी चेहरे नजर आते हैं जो अस्सी में रहने का ठिकाना ढूंढते हैं। लेकिन ब्राह्मणों के इस मोहल्ले में विदेशियों का रहना अस्वीकार्य है। धर्मनाथ पांडेय के अनुसार विदेशियों ने अस्सी घाट को बाजार बना दिया है। गाइड बने गिन्नी (रवि किशन) को धर्मनाथ कहते हैं गंगा हमारे लिए नदी नहीं है, मैया है.. और मैं गंगा को विदेशियों का स्विमिंग पूल नहीं बनने दूंगा।
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फिर आता है कहानी में मोड़, धर्मनाथ को एक दिन अपने सिद्धांतों से समझौता करना पड़ता है। दरअसल ब्राह्मण अपने इस मोहल्लो को भोले बाबा का घर मानते हैं। तो वहीं मोहल्ले में पप्पू की चाय की दुकान पर राजनीतिक चर्चा भी होती है। एक का एक डायलॉग काफी प्रभावित कर देने है जो है- ‘हिंदुस्तान में संसद दो जगह चलती है एक दिल्ली में और दूसरी मोहल्ला अस्सी के चाय की दुकान पर।’
मोहल्ला अस्सी सालों से सेंसर में अटकी पड़ी थी। कई बार कैंची चली, कुछ संवाद बीप किये गए। कई बदलाव आए और फिर जाकर फिल्म सिनेमाघर तक पहुंची। ऐसे में डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन में बनी मोहल्ला अस्सी की कहानी कई जगह दम तोड़ती दिखती है। जिन्हें भारतीय राजनीति, धर्म, संस्कृति में रुचि है, उन्हें एक बार यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए।
यदि आप जानना चाहते हैं कि आखिर धर्मनाथ ने क्यों अपने सिद्धांतों के साथ समझौता किया? घाट और मंदिर को लेकर क्यों राजनीतिक विवाद सामने आया। सवालों के जवाब जानने के लिए आपको सिनेमाघरों का रुख करना पड़ेगा। ‘मोहल्ला अस्सी’ में साक्षी तंवर, रवि किशन, फैजल रशीद ने अपने करिदारों के साथ न्याय किया है। सनी देओल ने भी शानदार अभिनय किया है। फिल्म के दूसरे हॉफ में सनी देओल के भाव काफी रियल लगते हैं। फिल्म में अमोद भट्ट ने संगीत दिया है। यह फिल्म काशीनाथ सिंह के उपन्यास ‘काशी का अस्सी’ पर आधारित है। फिल्म को 2.5 स्टार्स दिए गए हैं।
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