आज Google ने Marsha P. Johnson की याद में बनाया शानदार Doodle, जानें कौन हैं मार्शा पी जॉनसन (Google Doodle Marsha P Johnson)
Google Doodle Marsha P Johnson: गूगल ने अमेरिका के महान क्रांतिकारी मार्शा पी. जॉनसन (Marsha P. Johnson) का गूगल डूडल (Google Doodle) बनाकर उन्हें सम्मानित किया है. अब सवाल आता है कि मार्शा पी. जॉनसन कौन थीं और उन्होंने ऐसा क्या किया था कि गूगल ने भी उन्हें सम्मान पेश किया है. मार्शा जॉनसन ने समलैंगिक अधिकारों के लिए लड़ते-लड़ते ही दुनिया को अलविदा कह दिया था. आइए जानते हैं क्रांतिकारी मार्शा पी. जॉनसन के बारे में.

Marsha P Johnson का जन्म:
24 अगस्त, 1945 को अमेरिका के एलिजाबेथ शहर में जन्में मार्शा पी. जॉनसन (Google Doodle Marsha P Johnson) 1963 में हाई स्कूल में स्नातक करने के बाद न्यूयॉर्क सिटी के ग्रीनविच विलेज आ गए थे, जो कि LGBTQ+ लोगों के लिए एक सांस्कृतिक केंद्र माना जाता था. यहां उन्होंने कानूनी तौर पर अपना नाम मार्शा पी. जॉनसन में बदल लिया. इनकी माता का नाम अलबर्टा क्लिबोर्न था। Marsha P. Johnson एक मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते थे। इनके पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे। उनके नाम में P (Pay It No Mind) शब्द कथित तौर पर उन लोगों की प्रतिक्रिया के लिए खड़ा था, जिन्होंने उनके लिंग पर सवाल उठाना चाहा.
मार्शा (Google Doodle Honors Marsha P. Johnson) को 1969 में स्टोनवेल में हुए विद्रोह के प्रमुख नेताओं के रूप में माना जाता है, जो कि व्यापक रूप से अंतर्राष्ट्रीय LGBTQ+ अधिकार आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ भी था. वह आंदोलन के माध्यम से समलैंगिकों को आम जनता की तरह अधिकार दिलाना चाहते थे.
Marsha P. Johnson Google Doodle
गूगल ने Marsha P. Johnson की याद में आज यानी 30 जून 2020 को एक शानदार डूडल तैयार किया है। Marsha P. Johnson एक वकील भी थे जो समलैंगिक अधिकारों के लिए लड़े थे। गूगल ने अपने डूडल में Marsha P. Johnson की एक एनिमेटिड फोटो लगाई है जो काफी शानदार लग रही है। इसमें उन्होंने अपने सर में फूल भी लगाए हुए हैं। ऐसा कहा जाता है कि उन्हें अपने सिर पर फूल लगाना पसंद था।

एड्स जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए भी कई सराहनीय काम किए
उन्होंने एड्स जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए भी कई सराहनीय काम किए। वे एक एड्स कार्यकर्ता भी थे। दरअसल पहले एड्स मरीजों को हीन भावना से देखा जाता था। ऐसे में Marsha P. Johnson ने लोगों को यह बताने का काम किया कि हमें एड्स मरीजों को हीन भावना से नहीं देखना चाहिए और यह ऐसी बीमारी से जो किसी को भी हो सकती है।
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि बाल अवस्था में वो यौन उत्पीड़न का शिकार हुई थीं. इस हादसे ने उन्हें अंदर तक हिला दिया था. 1966 में वो एक एक गांव में पहुंची जहां उनकी मुलाकात कुछ समलैंगिकों से हुई. उन्होंने उनके रहन-सहन और उनके साथ होने वाले भेदभाव को देखा.
इसके बाद उन्होंने यहीं से आंदोलन शुरू किया. उनके आंदोलन का ही परिणाम है कि आज समलैंगिक आजाद होकर जीवन जी सकते हैं. वो शादी कर सकते हैं. 46 वर्ष की उम्र में मार्शा पी. जॉनसन का निधन 6 जुलाई 1992 को अमेरिका के न्यूयार्क शहर में हो गया.
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