Eid-E-Milad 2018: आज पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्मदिवस है. इस दिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या ईद-ए-मिलाद के तौर पर मनाया जाता है.
Eid-E-Milad 2018: आज पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्मदिवस है. इस दिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या ईद-ए-मिलाद के तौर पर मनाया जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक इस्लाम के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख, 571ईं. के दिन ही इस्लाम के सबसे महान नबी और आखिरी पैगंबर का जन्म हुआ था. आज 21 नवंबर 2018 को देशभर में र्इद-ए-मीलाद-उन-नबी का त्योहार मनाया जा रहा है. इस्लाम धर्म का यह एक मुख्य त्योहार है.
उनकी जन्म की खुशी में मुस्लिम मस्जिदों में नमाज़ें अदा करते हैं.
रातभर मोहम्मद को याद कर प्रार्थनाएं कर जुलूस निकालते हैं, मजलिसे निकालते हैं.
इसके साथ ही पैगंबर मोहम्मद की दी गई शिक्षाओं और पैगामों को पढ़ा जाता है.
बता दें पैगंबर हजरत मोहम्मद ने ही इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरान की शिक्षाओं का उपदेश दिया था.
Eid-e-Milad 2018: जानिए क्या था पैगंबर हजरत मोहम्मद का आखिरी संदेश
मान्यता के अनुसार, अल्लाह ने अपने फरिश्ते जिब्राईल के माध्यम से पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब को कुरान की शिक्षा और संदेश दिया था. पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब मुसलमानों को कुरान का संदेश देने वाले पहले और आखिरी इंसान थे. इसलिए मुस्लिम समुदाय उन्हें बेहद आदर-सम्मान के साथ इस दिन याद करता है और अपनी-अपनी मान्यता के मुताबिक़ इस त्योहार को मनाता है. मुस्लिम समुदाय इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद के पैरों के प्रतीक चिन्ह की इबादत करता है. इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद की याद में मुस्लिम समुदाय जुलूस भी निकालता है.
आइए आज आपको बताते हैं उनके सभी पवित्र संदेश पैगंबर हजरत मोहम्मद की शिक्षाएं:
पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने अपने समय में मुस्लिम समाज में फैली कई कुरीतियों को दूर किया और और सभी को अमन, चैन और भाईचारे का पाठ पढ़ाया. पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के समय मुस्लिम समाज में महिलाओं के हालत काफी बदतर थे. ऐसे में उन्होंने महिलाओं को सम्मान देने का भी संदेश दिया.
सुन्नी मुसलमान इसे पैगम्बर साहब के जन्मदिन के रूप में ख़ूब धूमधाम से मनाते हैं. इस समुदाय का मानना है कि इन दिन जन्नत का दरवाजा खुलता है ताकि वो पैगंबर साहब की बातों और शिक्षाओं को सुन सकें.
पैगंबर मोहम्मद के पवित्र संदेश
सबसे अच्छा आदमी वह है
जिससे मानवता की भलाई होती है
जो ज्ञान का आदर करता है
वह मेरा आदर करता है
विद्वान की कलम की स्याही
शहीद के खून से अधिक पाक है
अत्याधिक ज्ञान अत्याधिक इबादत से बेहतर है
दीन का आधार संयम है
ज्ञान को ढूंढने वाला अज्ञानियों के बीच
वैसा ही है जैसे मुर्दों के बीच जिंदा
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