भारत में दशहरा का शुभ पर्व 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
नवरात्र के नौ दिन नौ देवियों की पूजा और उसके बाद दशहरा आता है। इस बार दशहरा यानी विजयादशमी 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा । गौर हो कि आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को दशहरे के रुप में देशभर में मनाया जाता है। यह त्यौहार रावण का वधकर भगवान श्रीराम के वनवास से लौटने की खुशी के अवसर पर मनाया जाता है।
ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज के मुताबिक महानवमी का आगमन श्रवण नछत्र में बहुत ही शुभ है। दो दिन व्रत रहने वाले श्रद्धालु प्रथम और अष्टमी को व्रत रहेंगे। नौ दिन व्रत करने वाले 19 को पारण करेंगे और इसी दिन दशहरा मनाया जाएगा। दरअसल यह सत्य की जीत और असत्य पर सत्य की जीत का महापर्व है। बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
दशहरा के मौके पर कई जगहों पर रावण वध का आयोजन किया जाता है। नौ दिनों से चलनेवाली रामलीला का यह समापन दिन होता है जब भगवान राम रावण के पुतले का धनुष से संहार करते हैं।
इस मौके पर कई जगहों पर रामलीला के मंचन का आयोजन किया जाता है। दिल्ली में रामलीला मैदान सहित कई जगहों पर आयोजन किया जाता है। रामलीला की झांकियों में विभिन्न किरदार रामायण के पात्रों की प्रस्तुति देते हैं। विजया दशमी यानी दशमी के दिन भगवान राम के विजय मिलने का महापर्व के रुप में मनाया जाता है जब वह अपने भाइयों और पत्नी सीता के साथ अयोध्या नगरी लौटे थे।
दशहरा का मतलब ही होता है दसवीं तिथि। हिंदू ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक सालभर में 3 सबसे शुभ घड़ियां होती हैं। पहली चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, दूसरी कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा और तीसरा है दशहरा। ऐसी मान्यता है कि जिस भी काम की शुरुआत इस दिन की जाती है उसमें जरुर कामयाबी मिलती है। इसलिए इस दिन किसी भी काम का आरंभ उसमें सफलता की गारंटी माना जाता है।
विजयादशमी तिथि की शुरूआत 18 अक्टूबर को 3 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 19 अक्टूबर 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। लिहाजा इस शुभ अवधि में पूजा-पाठ काफी फलदायी होती है
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